Saturday, May 23, 2009

पिंक पत्रकारिता पीत पत्रकारिता से भी ज़्यादा खतरनाक है

प्रभाष जी ने कहा कि गुलाबी पन्नो पर निकालने वाले अंग्रजी के अखबार इकोनोमिक टाइम्स में पैसे लेकर खबरे छापने का काम सन २००६ से चल रहा है। टाइम्स समूह ने इसके लिए मीडिया इनीशिएटिव नामक एक एक कंपनी बनाई थी। बाद में एच टी ने भी एसा ही किया। इन अखबारों ने इस चुनाव में चुनावी खबरों के कवरेज के लिए वसूलने वाली राशि के रेट कार्ड्स भी छपवाए थे।

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